नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अचानक खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 269 दर्ज किया गया है, जिससे हवा की स्थिति ‘खराब’ (Poor Category) में पहुंच गई है। शहर के कई इलाकों में धुंध की मोटी परत देखी गई, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है।
पर्यावरण निगरानी एजेंसियों के अनुसार, प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण खराब मौसम, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों से उठती धूल और आसपास के राज्यों में पराली जलाने का धुआं है। हवा की गति कम होने और तापमान गिरने की वजह से प्रदूषक तत्व जमीन के पास ही फंसे हुए हैं।
आनंद विहार, पंजाबी बाग, वजीरपुर और रोहिणी जैसे इलाकों में AQI का स्तर 260 से 300 के बीच दर्ज किया गया, जो बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा व ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक माना जा रहा है।
डॉक्टरों ने लोगों को सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि इन समयों पर प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहता है। एक सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ फेफड़ों के विशेषज्ञ ने कहा, “लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेने से आंखों, गले और फेफड़ों में जलन हो सकती है। दिल और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों को अधिक खतरा रहता है।”
शहर के कुछ हिस्सों में स्कूलों ने अभिभावकों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बच्चों को मास्क पहनाने और घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। सुबह की सैर करने वाले लोग भी अब पार्कों में मास्क पहनकर टहलते नजर आ रहे हैं, क्योंकि स्मॉग के कारण दृश्यता भी कम हो गई है। कई लोगों ने आंखों में जलन, लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने एक बार फिर लंबे समय तक चलने वाले स्थायी समाधान की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्ती और कचरा प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत करने की बात कही है। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण और इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की अपील की है।
दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और यदि प्रदूषण का स्तर और बिगड़ता है तो आपातकालीन कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें निर्माण कार्यों पर रोक, सड़कों पर पानी का छिड़काव और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी जांच शामिल हो सकती है।
फिलहाल, नागरिकों से अपील की गई है कि वे एन–95 मास्क का इस्तेमाल करें, प्रदूषण के चरम समय में खिड़कियां बंद रखें और जहां संभव हो वहां एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें। इसके साथ ही लोगों को अधिक पानी पीने, धूम्रपान से बचने और विटामिन से भरपूर आहार लेने की सलाह दी गई है ताकि उनकी इम्युनिटी मजबूत बनी रहे।
जैसे-जैसे सर्दियां नजदीक आ रही हैं, प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ने की आशंका है, जिससे प्रशासन और आम जनता दोनों के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गया है।